Friday 31 January 2014

राजनीति में भाषा का भ्रष्टाचार

21वीं शदाब्दी सांस्कृतिक तथा सभ्य लोगों के लिए है।
राजनीतिज्ञ भूखे भेड़िये की तरह अपने वोट पर वार करने के लिए अत्यधिक आक्रामक हो गए हैं। और मनुष्यों की भाषा भूल गए हैं। क्या उनके जीवन कर्म का यही आधार है?
आजादी के साथ स्वार्थ के लिए उत्श्रृंखल भाषा का प्रयोग करना शब्द- भ्रष्टाचार है।

No comments:

Post a Comment