Sunday 11 December 2016

मेरी 77वीं वर्षगांठ पर परिवारजनों, संबंधियों, मित्रों की जन्मदिन की बधाई के लिये  हार्दिक धन्यवाद।


आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि आज ही मैंने अपना नया उपन्यास अमृत सागर की खोज समाप्त किया है तथा एक लंबी कविता भी आत्मानुवास लिखा है। इसे मैं ब्लॉग में शीघ्र देना चाहूंगा।

भारत में लगभग 130 करोड़ की आबादी है। जिसमें गरीब तबके के लोग लगभग 90 प्रतिशत है। जिनके बीच में डिजिटल होने की कल्पना तभी साकार हो सकती है जिनकी उन्हें संसाधनों की सुविधा मुहैया करायी जाय। दूसरे देशों में डिजिटल को अंग्रेजी के अलावा अपनी भाषाओं में उपयोग करते हैं परंतु हमारे यहां हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के स्थान पर केवल अंग्रेजी का प्रयोग डिजिटल तथा कम्प्यूटर पर हो रहा है। हमारा प्रस्ताव है कि हिन्दी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में कम्प्यूटर तथा डिजिटल कार्यक्रमों को साकार रूप दिया जाए। इसके लिये सारे भारत में व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाय। यह हमारी राष्ट्रीयता के प्रति सबसे बड़ा राष्ट्रीय कर्तव्य होगा।
- डॉ. स्वदेश भारती