Friday 15 December 2017

स्वदेश भारती

(सुधी पाठकों, शोधार्थियों, साहित्य प्रेमियों के लिये)
लेखकीय-सूचना



मैंने 11 वर्ष की उम्र यानी 1951 से लेखन की शुरुआत की। 12 दिसम्बर 2017 को मेरे 78वें जन्मदिवस तक 13805 (तेरह हजार आठ सौ पांच) कविताएं, 12 (बारह) उपन्यास, 10 (दस) से अधिक नृत्य नाटिकाएं, 87 (सत्तासी) कहानियां, लगभग 200 (दो सौ) से अधिक निबन्ध, यात्रा वृतांत, संस्मरण आदि लिखे। अब तक कुल 28 (अट्ठाइस) काव्य संकलन, 8 (आठ) उपन्यास  तथा 52 (बावन) संपादित पुस्तकें (हिन्दी तथा भारतीय भाषाओं तथा अंग्रेजी में) प्रकाशित लगभग 9000 (नौ हजार) कविताएं, 10 नृत्य नाटिकाएं, संस्मरण, आत्मकथा, यात्रा वृतांत आदि अप्रकाशित। 158 (एक सौ अट्ठावन) हिन्दी-रूपाम्बरा-साहित्यिक पत्रिका के 1965 से 2017 तक अंक, विशेषांक तथा अंग्रेजी रूपाम्बरा के 22 (बाइस) अंक, विशेषांक का सम्पादन किया।आज भी मैं प्रतिदिन कविताएं लिखता हूं। कविता लेखन के साथ मेरा अटूट सम्बन्ध ही मेरे जीवन को आज तक भीतर से भरता, पोषित, संवेदित करता आ रहा है। आज भी मैं अपने लेखन-कर्म से जुड़ा हूं। प्रतिदिन कविता तथा अन्य विधाओं पर काम कर रहा हूं। प्रतिदिन का सर्जनात्मक लेखन मुझे जीवन के संघर्ष के बीच त्रासद् विशाद से अन्तर्मन में राहत, सुख और शांति देता आ रहा है तथा समष्टि के प्रति जुड़ने का यत्न भी रहा है। 

                                                                                                 -स्वदेश भारती

उत्तरायण
331, पशुपति भट्टाचार्य रोड
कोलकाता-700 041
12 दिसंबर, 2017

मेल-swadeshb39.google.com
      editor@rashtrabhasha.com
ब्लॉग-bswadesh.blogspot.com
(मो.) 91 8240178035
(मो.) 91 9903635210

No comments:

Post a Comment