Tuesday 17 October 2017

यह जीवन-प्रदीप

यह जीवन अनन्त से अनन्त काल तक
नव युग के नए नए
छन्द-गान के साथ चलता रहेगा
और आशा-आकांक्षा का प्रदीप हृदय-पटल पर
हमेशा जलता रहेगा
प्रत्येक दीपावली में स्नेह-प्रेमरंजित
दीपमाला सजा कर
जीवन का रंगारंग उत्सव चलता रहेगा
प्रत्येक मनुष्य के हृदय में आनन्द-अनुराग
संप्रीति-प्रदीप प्रज्वलित होता रहेगा
करता रहेगा नवयुग का आह्वान
आत्म विभोर गाता रहेगा नव-युग का नूतन गान
अनन्त काल से अनन्त काल तक
समय का कारवां चलता रहेगा
नव परिवर्तन के साथ जीवन बदलता रहेगा
आशा-आकांक्षा का प्रदीप सदा जलता रहेगा
                                      -स्वदेश भारती

उत्तरायण-कोलकाता
17 अक्टूबर 2018


दीपावली की शुभकामनाएं

मेरे स्नेही मित्रो, शुभचिंतको पाठको
दीपक की बाती जैसे तिलतिल कर जलती है
अपने को जलाकर
दूसरों को प्रकाश देती है
तुम और हम उसी तरह
त्याग, समर्पण, आस्था और
विश्वास की बाती बन
अपनों को, जन-जन को
बांटे आनन्द-उच्छ्वास
देते चलें सभी को प्रकाश
जीवन में छाए उत्कर्ष-हर्ष

                   -स्वदेश भारती

उत्तरायण-कोलकाता
18-19 अक्टूबर 2018



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