सभी पार्टियों के शीर्ष नेतागण
कतिमय राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने घोषणा पत्र में बहुत सारे वादों के कारे कजरारे मेघों से भूमंडलीय-विकास के क्षितिजों को घटा घनघोर कर दिया। कहां कितना कुछ वादों का सावन बरसेगा यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल कई पार्टियों ने उर्दू और मदर से के विकास के वादे किए हैं क्या राष्ट्रभाषा हिन्दी और देश भर के हिन्दी के जर्जरित अभावग्रस्त पाठशालों की ओर नजर नहीं जाती। यह कैसा विकास का एक तरफा धर्म सापेक्ष्य वादा है। कैसे कैसे नेता हैं। कैसे-कैसे लोक-लुभावन वादे हैं। जनता इसे सही तरह से समझ सकती है।
- स्वदेश भारती
कतिमय राजनीतिक पार्टियों ने अपने अपने घोषणा पत्र में बहुत सारे वादों के कारे कजरारे मेघों से भूमंडलीय-विकास के क्षितिजों को घटा घनघोर कर दिया। कहां कितना कुछ वादों का सावन बरसेगा यह तो समय ही बताएगा। फिलहाल कई पार्टियों ने उर्दू और मदर से के विकास के वादे किए हैं क्या राष्ट्रभाषा हिन्दी और देश भर के हिन्दी के जर्जरित अभावग्रस्त पाठशालों की ओर नजर नहीं जाती। यह कैसा विकास का एक तरफा धर्म सापेक्ष्य वादा है। कैसे कैसे नेता हैं। कैसे-कैसे लोक-लुभावन वादे हैं। जनता इसे सही तरह से समझ सकती है।
- स्वदेश भारती
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