भारतीय संविधान के अनुसार भारत एक लोकतांत्रिक प्रजातांत्रिक देश है। संसदीय
चुनाव में बहुमत प्राप्त करने वाली पार्टी या दल के संसद सदस्यों द्वारा बहुमत से
एक नेता का चुनाव होता है वहीं संसद में उस पार्टी का नेता होता है। यदि पार्टी को
संसद में बहुमत प्राप्त है तो चुने गए नेता की प्रधानमंत्री पद के लिए पार्टी
घोषणा करती है। राष्ट्रपति के अनुमोदन के बाद ही नेता सरकार बनाता है और कैबिनेट
का चुनाव कर उसकी घोषणा करता है। ऐसे
कैविनेट को राष्ट्रपति मान्यता देते हैं और शपथ दिलाते हैं। अमरीका, फ्रांस,
जर्मनी तथा अनेकों यूरोपीय एशिया और अफ्रीकी देशों में राष्ट्रपति पद का मनोनय
प्रमुख पार्टी करती है। वह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बनता है और अपनी कैबिनेट बनाता
है।
अतः चुनाव से पूर्व किसी पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित
करना भारतीय संविधान की मान्यताओं तथा संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली के विरुद्ध है।
यह स्मरणीय होना चाहिए कि हमारे देश में राष्ट्रपति द्वारा शासित लोकतांत्रिक
प्रणाली नहीं है। जहां राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषणा की जाती, बल्कि संसदीय
है। जहां पहले से प्रधानमंत्री थोपा जाना संविधान तथा जनता की भावनाओं के विपरीत
है। सभी पार्टियों और नेताओं को संविधान के अनुरूप ही आचरण करने में लोकतंत्र
मजबूत होगा।
उत्तरायण
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– स्वदेश भारती,
(सुप्रसिद्ध लेखक, कवि)
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